lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained
lyrics shiv chalisa Fundamentals Explained
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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
नमो नमो जय नमो शिवाय । सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
अर्थ- हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को check here हर लो।
शिव भजन
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । नारद शारद शीश नवावैं ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥